हम जब बहुत समय बैठते हैं तो हमारा स्वास्थ्य खराब हो सकता है। इससे मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मेटाबॉलिक सिंड्रोम में उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं होती हैं।
शारीरिक निष्क्रियता और शरीर की एनर्जी आवश्यकताओं में कमी
अगर हम ज्यादा बैठते हैं, हमारी ऊर्जा कम हो जाती है। यह कई सारे लोगों को मोटापे का शिकार बनाता है। बहुत ज़रूरी है कि हम ज्यादा ना बैठें और ज्यादा हिलें।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है
अध्ययन से पता चला है कि लंबे समय तक बैठने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम का ख़तरा बढ़ जाता है। यह बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं की एक कारण है, जैसे कि ह्रदय रोग। हमें अधिक गतिविधि करनी चाहिए और कम बैठना चाहिए।
बहुत ज्यादा बैठना हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। यह हमें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मोटापा देता है। इससे बचने के लिये, हमें अधिक हिलना चाहिए और बैठना कम करना चाहिए।
“बहुत समय तक बैठना स्वास्थ्य के लिये खतरनाक है। नियमित व्यायाम करना और कम बैठना ज़रूरी है।”
लगातार बैठने से हृदय रोग और कैंसर का जोखिम बढ़ता है
शोध ने साबित किया है कि ज्यादा समय तक बैठने पर हृदय रोग और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि बैठने से रक्त की शुद्धि कम होती है। यहाँ तक कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर पड़ जाती है।
रक्त परिसंचरण में खामी आती है
जब हम लम्बे समय तक बैठते हैं, तो हमारा रक्त सही ढंग से नहीं बहता। इसलिए ड्राइवरों का बना काम करने वालों की तुलना में हृदय रोग का खतरा ज्यादा होता है। इस वजह से, बढ़ा हुआ शर्करा और कोलेस्ट्रॉल हमारे लिए कुछ खतरनाक साबित हो सकते हैं।
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है
बहुत समय तक बैठने से शरीर की मजबूत प्रतिरक्षा गिर जाती है। इससे हम बीमारियों के प्रति खुद से रहम दिखा पाते हैं। इसका मतलब कैंसर और अन्य समस्याएं का खतरा बढ़ जाता है।
इन खतरों को घटाने के लिए, हमें अधिक गतिविधि करनी चाहिए। लम्बे समय वाले बैठन के बाद, हमे हर 30 मिनट खड़ा होकर या फिर चलते रहना चाहिए।
नियमित बैठने को विशेषकर गतिविधि बदल कर खतरों को कम किया जा सकता है।
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लंबे समय तक बैठना मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम की भरमारी बढ़ा सकता है। इनमें उच्च रक्तचाप, अधिक रक्त शर्करा, ज्यादा शरीर चर्बी और खराब कोलेस्ट्रॉल शामिल है। यह आपको कार्डियोवैस्कुलर रोग और कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है।
एक शोध ने दिखाया कि जो लोग तीन घंटे से अधिक बैठते हैं, उनकी उम्र जल्द बढ़ जाती है। वे बहुत कम लंबे समय तक बैठने वाले लोगों की तुलना में ज़्यादा। और जो लोग ज़्यादा वक़्त बैठते हैं, उनका मरने का खतरा भी ज़्यादा होता है।
खड़े डेस्क या चलते डेस्क का इस्तेमाल लंबे समय बैठने के निषेध टिप्स में है। इन्हें लंबे समय बैठने का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर होता है, उसपर भी शोध किया जा रहा है।
लंबे समय तक बैठने से और भी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे, वजन बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी, और जोड़ों का दर्द। मानसिक समस्याएं जैसे अवसाद और तनाव भी हो सकते हैं, साथ ही अच्छी नींद की समस्या।
इन समस्याओं से बचाव के लिए, फिट रहने के लिए अच्छी शारीरिक गतिविधि और बरबर के अंतराल पर बैठने का अक्सर बदलना जरुरी है। इससे हमारी जीवन प्रत्याशा में भी सुधार हो सकता है और स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है।
हड्डियों और जोड़ों पर दबाव पड़ता है
जोड़ों और हड्डियों पर लंबे समय तक बैठने से दबाव पड़ता है। इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव होते हैं।
मांसपेशियों की कमजोरी और जोड़ों में दर्द
बैठकर मांसपेशियों कमजोर हो जाती हैं। इसके कारण जोड़ों में दर्द होता है।
बैठकर जोड़ों पर भार आने से दर्द होता है। इससे गतिविधियों में कमी आती है.
इससे चलने-फिरने में मुश्किलें आती हैं। नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग करना हेल्पफुल होता है।
जोड़ों पर दबाव के प्रभाव | प्रतिशत |
---|---|
मांसपेशियों की कमजोरी | 65% |
जोड़ों में दर्द | 72% |
शारीरिक गतिविधियों में कमी | 58% |
जोड़ों पर बैठक से हर जगह दबाव महसूस होता है। यहाँ तक कि शरीर के विभिन्न हिस्सों पर भी।
“लगातार बैठने से कई समस्याएं का सामना करना पड़ सकता है। मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द समस्याएं बढ़ा सकता है।”
इन समस्याओं का हल व्यायाम और स्ट्रेचिंग से मिल सकता है। कुर्सियों का सही इस्तेमाल भी फायदेमंद होता है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अवसाद और तनाव
गहरे अवस्था में लंबे समय के बैठन से हमें नुकसान होता है। एक अध्ययन ने दिखाया कि 8 घंटे से ज्यादा का बैठन उतना ही हानिकारक है जितना कहीं मोटापा और धूम्रपान। लेकिन, इसे 60-75 मिनट की तेज गति की साधना करने से नुकसानों का हाल हो सकता है।
जिन लोगों की दिन भर शारीरिक गतिविधाएं कम होती है, उन्हें बहुत बड़ी मुसीबत हो सकती है। ऐसे लोगों में जहां अधिक क्रियाशीलता दिखती है, गंभीरता सिरे जोखिम को बारकरारी ढंग से कम कर सकती है।
लंबे समय तक बैठने से यह हो कि वजन बढ़ जाता है, गर्दन दर्द और मोटापा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही, इससे हमारी पीठ और गर्दन में कमजोरी भी होती है, जिससे अचानक दर्द होने लगते हैं।
ज्यादा बैठने से चिंता, अवसाद और अकेलेपन जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। यह हमारे मूड और आत्मविश्वास पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
लंबे समय के बैठना किसी कैंसर जैसे गंभीर रोग का खतरा भी बढ़ा देता है। ऐसा होता है क्योंकि बैठने से हमारी शरीर की क्षमता खराब होती है।
इन खतरों से बचने के लिए थोड़ी ध्यान देनी पड़ती है। हमे नियमित अंतराल पर उठकर चलना चाहिए। हमें वॉकिंग मीटिंग करनी चाहिए और काम को ट्रेडमिल पर भी किया जा सकता है।
“लंबे समय तक बैठने के कारण मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं होने लगती हैं, जिससे हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने बैठने के पैटर्न को सुधारें और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं।”
लंबे समय तक बैठने से गर्दन और कमर दर्द
जब हम लंबे समय तक बैठते हैं, गर्दन और कमर में दर्द हो सकता है। यह कहीनेसे मायोफेशियल पेन सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ जाता है।
मायोफेशियल पेन सिंड्रोम में, शरीर के मांसपेशियों में दर्द होता है। यह दर्द कही भी हो सकता है जैसे की गर्दन, कंधे, और कमर।
लंबे समय तक बैठने से, कमर और गर्दन के मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। इससे मांसपेशियों में जलन और परेशानी होती है।
यह सिचाई मायोफेशियल पेन सिंड्रोम के लिए बड़ा कारण होती है।
मायोफेशियल पेन सिंड्रोम के लक्षणों में शामिल हैं, गर्दन, कंधे और कमर में दर्द होना।
साथ ही, मांसपेशियों में कमजोरी और स्पर्श संवेदनशीलता भी होती है। यह बढ़ती हुई स्थिति हो सकती है और दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है।
नियमित व्यायाम, स्ट्रेचिंग करना, और तनाव कम करने वाली गतिविधियाँ इन समस्याओं से बचाव कर सकती हैं। लंबे बैठने की आदतें बदलना भी फायदेमंद होता है।
लंबे समय तक बैठने से होने वाली समस्याओं का समय पर उपचार नहीं करना बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए, समस्याओं को जल्दी ही पहचानकर उपचार कराना ज़रूरी है।
मायोफेशियल पेन सिंड्रोम का खतरा बढ़ता है
बहुत देर तक बैठे रहने से, गर्दन और कमर में दर्द हो सकता है। यह स्थिति सुकर्मा मायोफेशियल पेन सिंड्रोम के खतरे को बढ़ा देता है।
“लंबे समय तक बैठने से गर्दन और कमर में दर्द होना स्वाभाविक है, लेकिन इससे मायोफेशियल पेन सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ जाता है। इस स्थिति से बचने के लिए व्यायाम और स्ट्रेचिंग बेहद महत्वपूर्ण हैं।”
अगर इन समस्याओं का समय पर उपचार नहीं किया गया, तो उनके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है
लंबे समय बैठना शरीर पर बुरा असर डालता है। यह हमारी नींद पर भी प्रभाव डाल सकता है. अनिद्रा तथा थकान हमें परेशान कर सकती है. ये हमारी कामयाबी और जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकती है.
अनिद्रा और थकान का अनुभव हो सकता है
लगातार बैठने से शरीर की पाचन शक्ति कम हो जाती है. मांसपेशियों की गतिविधि में भी कमी आ जाती है. यह नींद को प्रभावित करता है और अनिद्रा तथा थकान के कारण बन सकता है.
हर रोज 7-8 घंटे की नींद लेना तनाव कम कर सकता है. इससे पाचन स्वास्थ्य भी बेहतरीन होता है.
लंबा समय बैठने से बचने के लिए नियमित व्यायाम ज़रूरी है. यह हमारे शारीरिक तथा नींद के क्वालिटी को सुधारता है.
“लगातार बैठने से मेटाबोलिज्म बहुत कम हो जाता है, जिससे थकान और अनिद्रा होती है। इससे काम की गुणवत्ता और उत्पादकता दोनों प्रभावित होती हैं।”
हमें पता चलता है कि लगातार बैठने का रुख बहुत नुकसानदायक है. इससे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. और हमें अनिद्रा और थकान से बचने के लिए नियमित व्यायाम और एक सक्रिय जीवनशैली अपनानी जरूरी है.
वरिकोज़ नसों और गहरी नस थ्रोम्बोसिस का जोखिम
वरिकोज़ नसों और गहरी नस थ्रोम्बोसिस का खतरा बैठने से बढ़ जाता है। बैठे रहने से रक्त की संचरण क्षमता कम होती है। यह दर्द और सूजन के कारण निकल सकता है।
वरिकोज़ नस एक समस्या है जहाँ नसें सम्पूर्ण हो जाती हैं। इससे पैरों में दर्द और सूजन होती है।
गहरी नस थ्रोम्बोसिस जीवन झोक सकती है जब रक्त थक्का होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे आयु या गर्भावस्था।
स्वस्थ रहने के लिए बैठ के योग महत्वपूर्ण है। योग करने से उस समय ध्यान रख पाना आसान होता है। योग करने से थकान भी कम होती है।
साथ ही, योग करने से मानसिक समर्थन मिलता है। इससे तनाव कम होता है और दिल की समस्याओं का खतरा भी घटता है।
शरीर के वजन में वृद्धि और घटती गतिविधि से स्थिर जीवनशैली
बहुत सारे लोग आजकल बहुत जियादा बैठते हैं. इससे उनका शरीरी वजन बढ़ जाता है. वजन बढ़ने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे मोटापा।
एक अध्ययन ने यह साबित किया है कि कुछ कर्मचारी काम के लिए लंबा समय बैठते हैं. इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. और, ज्यादा टीवी देखना या अनियंत्रित गतिविधियों में रहना महिलाओं में मोटापा बढ़ा सकता है, जिससे वे टाइप 2 मधुमेह के खतरे में आ सकती हैं.
बहुत जियादा समय बैठने से वजन की समस्याएं के अलावा, नुकसानत्मक प्रभाव होते हैं. जैसे कि रक्तदाब, खून की ग्लूकोज स्तर, और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल।
कुछ अध्ययनों के अनुसार, दिन में 8 घंटे से ज्यादा बैठने का खतरा मोटापे जैसा है. और ऐसा ही धूम्रपान के जोखिम की तरह होता है.
मध्यम स्तर की शारीरिक गतियों से ये नुकसान कम किए जा सकते हैं. और, 30 मिनट के ब्रेक लेने से स्वास्थ्य में सुधार होता है.
स्टैंडिंग डेस्क पर काम करना और बैठे दौरान घूमना बहुत आवश्यक है. इससे वजन कम होता है, मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है.
अध्ययन से यह भी पता चलता है कि बैठने की वजह से हप्ते में यातायात के कम होने से मृत्यु दर बढ़ जाती है. स्वास्थ्य विषयक विशेषज्ञों का कहना है कि हमें अधिक गतिविधियों को अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए.
ऊपर से देखा जाए, बहुत समय तक बैठना किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है. ये जीवनहरियों की समस्याएं, जैसे कि दिल की बीमारियां, मधुमेह, और स्ट्रोक की वजह भी हो सकता है.
इसलिए, हमें अपने जीवनशैली में ज़्यादा शारीरिक गतिविधियों को शामिल करना चाहिए. यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
निष्कर्ष
दिन भर की बैठक कई समस्याएं का कारण हो सकती है। रिसर्च से पता चलता है कि यह स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है। वजन बढ़ सकता है और दिल, मधुमेह, अवसाद, और तनाव जैसी समस्याएं का खतरा बढ़ जाता है।
इन खतरों का काम करने के लिए, हमें बैठक कम करनी चाहिए। दिन में ज्यादा शारीरिक काम करना फायदेमंद होता है। नियमित व्यायाम करना और आराम लेना यह सब बुरे प्रभावों को खत्म करने में मदद करता है।
अच्छे बैठक के नियमितानुसार एर्गोनॉमिक्स का उपयोग हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है। इससे हमारे मांसपेशियों और जोड़े ठीक रहते हैं। शारीरिक गतिविधि करना और सही तरीके से बैठना हमें स्वस्थ रखता है।
FAQ
शारीरिक निष्क्रियता और शरीर की एनर्जी आवश्यकताओं में कमी क्या है?
लोग जब बैठते हैं, तो उनका ऊर्जा स्तर काफी नीचा हो जाता है। एक शोध ने दिखाया कि बहुत समय तक बैठना, जैसे काम पर, कई समस्याएं का कारण बन सकता है। इनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम है, जिसमें होते हैं: उच्च रक्तचाप, उच्च रक्तशर्करा, अधिक चर्बी और खराब कोलेस्ट्रॉल।
लगातार बैठने से हृदय रोग और कैंसर का जोखिम कैसे बढ़ता है?
एक अध्ययन ने बताया है कि जो लोग बहुत समय तक बैठते हैं, उन्हें हृदय रोग और कैंसर का खतरा ज़्यादा रहता है। बैठने के कारण रक्त परिसंचरण धीमा हो जाता है और प्रतिरक्षा कमजोर पड़ जाती है।
लंबे समय तक बैठने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अगर कोई बहुत समय तक बैठे रहे, तो हड्डियों और जोड़ों पर दबाव पड़ सकता है। यह आपके मांसपेशियों को कमजोर भी कर सकता है और आपको पीड़ा भी महसूस हो सकती है।
धीरे-धीरे, बहुत देर तक बैठने से भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। यह अवसाद और तनाव की समस्याएं को बढ़ावा देता है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि लोग बहुत समय अकेले गुजारते हैं और स्क्रीनबाज़ी करते हैं।
लंबे समय तक बैठने से गर्दन और कमर दर्द कैसे होता है?
जब हम बहुत लम्बे समय तक बैठते हैं, तो गर्दन और कमर में दर्द हो सकता है। यह मायोफेशियल पेन सिंड्रोम को बढ़ा सकता है।
लंबे समय तक बैठने से नींद की गुणवत्ता कैसे प्रभावित होती है?
भावीक एक्स्पर्ट्स का कहना है कि लम्बा समय बैठने से नींद की गुणवत्ता गिर सकती है। इससे अनिद्रा और थकान की समस्या हो सकती है।
लंबे समय तक बैठने से वरिकोज़ नसों और गहरी नस थ्रोम्बोसिस का जोखिम क्यों बढ़ जाता है?
बहुत समय तक बैठने से वरिकोज़ नसों और गहरी नस थ्रोम्बोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। इससे पैरों में सूजन और दर्द की समस्या हो सकती है।
लंबे समय तक बैठने से शरीर का वजन और गतिविधि कैसे प्रभावित होती है?
शरीर का वजन बढ़ता है और गतिविधि में कमी आती है, ये लम्बे समय तक बैठने से होने वाले प्रभाव है। इससे स्थिर जीवनशैली और मोटापा की समस्याएं हो सकती हैं।
स्रोत लिंक
- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5618737/
- https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/adult-health/expert-answers/sitting/faq-20058005
- https://www.webmd.com/fitness-exercise/ss/slideshow-sitting-health
- https://www.cnn.com/2017/09/11/health/sitting-increases-risk-of-death-study/index.html
- https://www.usnews.com/news/articles/2012/07/09/study-excessive-sitting-cuts-life-expectancy-by-two-years
- https://prtimes.co.uk/6-health-hazards-of-prolonged-sitting/
- https://rakeshinani.com/how-to-improve-digestive-system-in-hindi/
- https://dainikhost.com/wellhealthorganic-comhealth-hazards-of-prolonged-sitting/
- https://healthfacts.ng/lung-cancer-types-risk-factors-symptoms-diagnosis-treatment-and-prevention/
- https://komanchester.co.uk/
- https://cc2010.mx/ciudad-de-mexico-monumentos/
- https://noticiasalas.com/identiv-lider-mundial-en-identificacion-y-seguridad-digital-en-iot/
- https://tradestrace.com/wellhealthorganic-comhealth-hazards-of-prolonged-sitting/
- https://organicblog.co.uk/health/wellhealthorganic-comhealth-hazards-of-prolonged-sitting/
- https://iemlabs.com/blogs/wellhealthorganic-comhealth-hazards-of-prolonged-sitting-2024/
- https://justbaazaar.com/the-silent-killer-exploring-the-health-hazards-of-prolonged-sitting/