wellhealthorganic.com know why not to reuse plastic water bottles know its reason in hindi
प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही है।1 इसमें प्लास्टिक की जल बोतलों का पुनः उपयोग करना भी शामिल है। वेलहेल्थऑर्गेनिक.कॉम पर आपको जानने मिलेगा कि प्लास्टिक जल बोतलों का पुनः उपयोग करने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
प्रमुख बिंदु
- प्लास्टिक जल बोतलों के पुनः उपयोग से स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है
- प्लास्टिक से निकलने वाले रसायन शरीर में संचित हो कर कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं
- माइक्रोप्लास्टिक्स का शरीर में प्रवेश होना चिंता का विषय है
- पर्यावरण को बचाने के लिए प्लास्टिक जल बोतलों का पुनः उपयोग नहीं करना चाहिए
- स्वच्छ और स्वस्थ जीवन के लिए प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की जरूरत है
माइक्रोप्लास्टिक्स के दुष्प्रभाव
माइक्रोप्लास्टिक्स से जुड़ी गंभीर बिमारियों का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है. फिर भी, शोधकर्ता लम्बे समय तक इसके प्रभावों के बारे में चिंता कर रहे हैं.2
कई अध्ययनों ने दिखाया है कि एकत्रित पानी के नमूनों में 1 मिमी से छोटे माइक्रोप्लास्टिक कण पाए गए हैं. ये कण मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं.2
शरीर में माइक्रोप्लास्टिक्स का जमाव
माइक्रोप्लास्टिक कण 1.5 माइक्रोन से छोटे होते हैं. इन्हें आंत की दीवार से गुजर पाने से जिन्हें शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुँचने की संभावना है. इससे कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं का खतरा हो सकता है.2
प्लास्टिक से निकलने वाले रसायनों के खतरे
प्लास्टिक बोतलों के निर्माण में प्रयोग होने वाले प्लास्टिसाइजर, स्थायीकारक रंग आदि. रसायन पानी में मिलकर रक्त प्रवाह के द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं. इससे सूजन, जीनोटॉक्सिसिटी, ऑक्सीडेटिव तनाव, और पाचन तंत्र को हानि पहुँच सकती है.2 पॉलीथिलीन टेरेफ़्थालेट (पीईटी) जैसे प्रदुषक उत्सर्जित करने के कारण पुनः उपयोग होने से गंभीर स्वास्थ्य संबंधी रोग हो सकते हैं, जैसे कैंसर और विकासात्मक अवरोध हो सकते हैं।2
आंतों और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान
माइक्रोप्लास्टिक्स आंत और लीवर जैसे महत्वपूर्ण अंगो को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.2
ये रसायन संपर्क में आने से सूजन, जीनोटॉक्सिसिटी, ऑक्सीडेटिव तनाव और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं.2
बोतल-बंद पानी से मुक्त ‘उभरते प्रदूषक’ और ‘एंड्रोक्राइन विघटक पदार्थ’ (EDCs) पैकेजिंग अवशेष के रूप में होते हैं. इससे कैंसर और विकासात्मक अवरोध संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.2
बोतल के पुन: उपयोग से बढ़ते जोखिम
प्लास्टिक बोतलों3 का पुन: उपयोग हमें नुकसान पहुंचा सकता है। रिसर्चर्स कहते हैं कि ये हमारे शरीर को देर तक परेशान कर सकते हैं।3 यह कारण है कि लोगों की चिंता बढ़ गई है। इसके पीछे के कारण ये है, कि इन बोतलों का निर्माण करते समय कई प्रकार के चेमिकल का इस्तेमाल होता है।
पुन: प्रयोज्य बोतलों में अधिक माइक्रोप्लास्टिक्स
साइंटिस्ट्स वर्द्धित की है कि जब हम बार-बार एक ही प्लास्टिक की बोतलें इस्तेमाल करते हैं तो उसमें माइक्रोप्लास्टिक्स3 की मात्रा अधिक हो जाती है। जस्तु में अनेक स्मॉल प्लास्टिक के टुकड़े हो सकते हैं।3
बार-बार खुलने और बंद होने से कण निकलना
एक ही प्लास्टिक की बोतलों को पुनः और पुन: खोलकर इस्तेमाल करना हमारी सेहत के लिए हानिकारक है।3 ऐसा करने से उसमें छोटे छोटे माइक्रोप्लास्टिक के कण बहुत ज्यादा हो जाते हैं। ये कण पानी में मिल जाते हैं जो फिर हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होते हैं।
अवांछित स्वास्थ्य परिणाम
प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से प्यास तो ठंडपान हो जाएगी। परंतु, इससे जोड़ों में सूजन, दर्द, जीन क्षति और ऑक्सीडेटिव तनाव जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं का खतरा बढ़ सकता है।
जोड़ों में सूजन और दर्द
प्लास्टिक केन्ध्रित वस्तुओं से निकलने वाले रसायन जोड़ों में सूजन और दर्द कर सकते हैं। इसके कारण जोड़ों में अस्थिरता और पीड़ा भी हो सकती है। यह तीव्र और अस्थायी भी हो सकती है।
जीनोटॉक्सिसिटी का खतरा
प्लास्टिक वस्तुओं की जीन क्षति के खतरे से सतर्क रहना चाहिए। ये कैंसर और विकासात्मक विकारों का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
ऑक्सीडेटिव तनाव से शरीर पर बुरा असर
प्लास्टिक की संयुक्त वस्तुओं से निकलने वाले रसायन शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ावा देते हैं। इससे विभिन्न बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं।
ये रासायनिक पदार्थ शरीर के अंगों और प्रणालियों पर भारी परिणाम डाल सकते हैं।