चेहरे पर पिम्पल्स होने पर, कुछ भी करने की इच्छा नहीं होती। मेकअप करना बिलकुल नहीं चाहते। अगर कोई रिएक्शन होता है, तो! दिनभर में यह सोचा रहता है कि क्या करें?
मुंहासों के कारण चेहरा रूखा और बेजान दिखने लगता है। पिम्पल्स का इलाज घरेलू नुस्खों से ही है। बाहर जाकर इलाज कराने से पैसा खर्च होता है, लेकिन पिम्पल्स ठीक नहीं होते।
प्रमुख बातें
- पिम्पल्स का कारगर उपचार घर पर ही किया जा सकता है
- बाहर जाकर उपचार करने पर बहुत पैसे खर्च होते हैं
- घरेलू नुस्खों से पिम्पल्स जल्दी ठीक होते हैं
- घरेलू उपचार सुरक्षित और प्राकृतिक होते हैं
- पिम्पल्स को जड़ से खत्म करने में घरेलू नुस्खे कारगर हैं
क्या है पिम्पल और इसके प्रकार
पिंपल्स या मुंहासे एक आम समस्या हैं, खासकर जवान लोगों में होते हैं। 17-21 वर्ष की उम्र में मुंहासे होना आम है। वयस्कों में भी मुंहासे हो सकते हैं, अगर उनकी त्वचा तेलील हो।
मुंहासे कई प्रकार के होते हैं, जैसे ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स, पप्युल्स, पिम्पल्स, गांठ, और सिस्ट। वे लाल, पीले या काले हो सकते हैं, और पीड़ादायक होते हैं। कुछ में गहरे ऊतकों में मौजूद होकर गांठ या सिस्ट बनाते हैं।
पिम्पल्स क्या हैं?
त्वचा में इंफेक्शन के कारण तेल की ग्रंथियां भर जाती हैं, जिससे पिंपल्स निकलते हैं। इंफेक्शन का कारण अतिरिक्त तेल और मृत त्वचा होता है। यह बैक्टीरिया को पनपने का कारण बनता है।
पिम्पल्स कितने प्रकार के होते हैं
- काले मुख वाले मुहासे (ब्लैकहैड पिम्पल): ये अधिकतर तेलील त्वचा वाले लोगों में होते हैं।
- सफ़ेद मुख वाले मुहासे (वHITEHEAD पिम्पल): ये त्वचा के नीचे होते हैं, डेड सेल के कारण।
- पॉपुलेस (Papules): ये छोटे मुहासे होते हैं और लाल होते हैं।
- पसटूल्स (Pustules): इनके चारों ओर लाल होता है और टिप सफ़ेद या पीली होती है।
- फंगल मुहासे: इन्फेक्शन के कारण होते हैं और छोटे होते हैं।
- नोडुल्स (Nodules): ऊतक की असाधारण बढ़ोतरी के कारण होते हैं, हाथ, पीठ, और गले में।
- सिस्ट (Cyst): आकार में बड़े होते हैं और हवा, द्रव, या ठोस उत्पाद से भरे होते हैं।
मुंहासे कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपने आप में लक्षण और गंभीरता होती है। वे चेहरे, पीठ, और बगल {आर्मपिट्स} पर हो सकते हैं।
पिम्पल होने के कारण और रोकथाम
पिम्पल्स या मुंहासे किशोरावस्था में ज्यादा होते हैं। 15 से 30 साल के लोगों में करीब 80% लोग पिम्पल्स का शिकार होते हैं। पिम्पल्स के कारण और इलाज जानने से आप इससे बच सकते हैं।
पिंपल्स (मुंहासे) होने के कारण
मुंहासे त्वचा पर अधिक तेल और मृत कोशिकाओं के कारण होते हैं। बैक्टीरिया का संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन और तनाव भी मुंहासे का कारण हो सकता है। कुछ लोगों में एलर्जी या दवाओं के साइड इफेक्ट से भी मुंहासे होते हैं।
पिंपल्स से बचाव के तरीके
- चेहरे को नियमित रूप से धोना और साफ रखना
- तेल युक्त और कॉमेडोनिक उत्पादों का उपयोग करने से बचना
- अत्यधिक तेल उत्पन्न करने वाली चीजों से परहेज करना
- स्ट्रेस को कम करने के लिए योग, ध्यान और व्यायाम करना
- मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन का नियमित उपयोग करना
पिंपल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं
पिंपल्स से बचने के लिए अपने खानपान पर ध्यान दें। चिकन, अंडे, डेयरी उत्पाद और मीठे खाद्य पदार्थ पिंपल्स को बढ़ा सकते हैं। लेकिन, सलाद, फल, हरी सब्जियां और पानी पीने से पिंपल्स की समस्या कम होती है।
इन टिप्स को अपनाकर आप अपने पिंपल्स को कंट्रोल कर सकते हैं। स्वस्थ, निखरी त्वचा पाने के लिए जीवनशैली और खानपान में सुधार लाना जरूरी है।
pimple kaise hataye gharelu nuskhe
कभी-कभी अचानक चेहरे पर बड़ा पिंपल दिखने लगता है। इस स्थिति में हमें कवर करना मुश्किल होता है और दर्द से निपटना भी कठिन होता है। लेकिन, घर पर कुछ प्राकृतिक नुस्खे हैं जो इन पिंपल्स को जड़ से मिटा देते हैं। इन नुस्खों से साइड इफेक्ट नहीं होते और चेहरे के दाग भी नहीं छोड़ते।
रातोरात पिम्पल का इलाज करने वाले घरेलू नुस्खे
- अलोवेरा जेल: अलोवेरा की पत्ती काटकर उसका छिलका निकाल लें। फिर उस छिलके से चेहरे पर पिंपल पर जेल लगाएं और रात को सो जाएं। सुबह धो देने से पिंपल कम हो जाएगा।
- बेकिंग सोडा: बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पिंपल पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद धो लें। इससे पिंपल सूख जाएगा और जल्दी गायब हो जाएगा।
- नीम: नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर पिंपल पर लगाएं। नीम की एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रापर्टी पिंपल को दूर करती है।
पिम्पल्स हटाने के प्राकृतिक घरेलू उपाय
- लेमन: लेमन की स्लाइस से पिंपल को रगड़ें और फिर चेहरा धो लें। लेमन का एसिड पिंपल को दूर करता है।
- सेब का सिरका: सेब के सिरके को कॉटन बॉल पर लगाकर पिंपल पर रख दें। रात को सो जाएं और सुबह धो लें।
- टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल के एंटी बैक्टीरियल गुण पिंपल को दूर करते हैं। एक-दो बूंद पिंपल पर लगाएं और दिन में 2-3 बार दोहराएं।
इन घरेलू उपायों को लगातार और सही तरीके से करने से आप पिंपल्स को जड़ से मिटा सकते हैं। साथ ही खानपान में सुधार करके पिंपल्स को कम कर सकते हैं।
“घरेलू उपायों से पिंपल्स को जड़ से मिटाया जा सकता है और चेहरे पर कोई दाग भी नहीं छूटते।”
निष्कर्ष
पिम्पल को घरेलू नुस्खों से हटाने से आपकी त्वचा साफ और खूबसूरत हो जाएगी। मुहांसों से छुटकारा पाने का एक आसान तरीका है प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करना। चेहरे की सफाई के लिए घरेलू नुस्खे अपनाने से आपकी त्वचा स्वस्थ और निखरा होगी।
पिंपल या मुहांसों से छुटकारा पाना कठिन हो सकता है, लेकिन घरेलू नुस्खों से आप इसे आसान कर सकते हैं। इन प्राकृतिक उपायों से आपकी त्वचा स्वस्थ और निखरा होगी।
इन घरेलू नुस्खों का उपयोग करके आप मुहांसों से छुटकारा पा सकते हैं और अपनी त्वचा को ग्लो दे सकते हैं। इन उपायों से आपके चेहरे की खूबसूरती और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
FAQ
चेहरे पर पिंपल्स हों तो क्या किया जा सकता है?
चेहरे पर पिंपल्स होने पर घरेलू उपचार एक अच्छा तरीका है। मेकअप का इस्तेमाल न करें क्योंकि वह नुकसान कर सकता है। घर की चीजों से ही इलाज करें.
पिंपल्स के प्रकार क्या-क्या होते हैं?
पिंपल्स के प्रकार में पेपुल्स, नोड्यूल्स, ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स शामिल हैं। पेपुल्स छोटे और गुलाबी होते हैं, नोड्यूल्स बड़े और गहरे होते हैं। ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स में दर्द नहीं होता लेकिन निकालते समय दर्द हो सकता है।
पिंपल होने के क्या कारण हैं?
पिंपल्स त्वचा में इंफेक्शन के कारण होते हैं। तेल, मृत त्वचा और बैक्टीरिया का मिश्रण रोमछिद्र बंद कर पिंपल बनाता है। खराब खानपान, तनाव और हॉर्मोनल परिवर्तन भी पिंपल का कारण हो सकते हैं।
पिंपल्स को कैसे रोका जा सकता है?
पिंपल्स को रोकने के लिए अच्छी देखभाल, स्वस्थ खानपान और तनाव मुक्त जीवनशैली लें। चिंता, अत्यधिक धूप और कड़क साबुन का उपयोग पिंपल्स को बढ़ाता है।
पिंपल्स के घरेलू उपचार क्या हैं?
पिंपल्स के लिए घरेलू उपचार में नींबू, दही, बेकिंग सोडा, दालचीनी, तुलसी पत्ते और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इनके नियमित प्रयोग से पिंपल्स कम होते हैं और त्वचा में ग्लो आता है।
पिंपल हटाने के लिए क्या खाना-पीना चाहिए?
पिंपल्स को दूर रखने के लिए पानी पीना और फल-सब्जियां खाना अच्छा है। प्रोटीन युक्त आहार लें और कैफीन, शक्कर और तैलीय पदार्थों से परहेज करें।