थायराइड में कहां-कहां दर्द होता है
थायराइड हार्मोन हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये हार्मोन चयापचय को नियंत्रित करते हैं। कई अन्य प्रमुख कार्यों को भी संचालित करते हैं।
थायराइड हार्मोन के असंतुलन से कई समस्याएं हो सकती हैं। उनमें विभिन्न हिस्सों में दर्द भी हो सकता है।
थायराइड से जुड़े दर्द को समय से पहचानना ज़रूरी है। इससे उचित इलाज संभव हो सकता है।
प्रमुख लक्षण
- थायराइड दिवस 2023 के दौरान जागरूकता अभियान हुआ।
- हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म, थायरॉइड नोड्स, थायरॉइटिस, थायराइड कैंसर के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
- पारिवारिक इतिहास, उम्र, महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन, आहार, पर्यावरण की जानकारी महत्वपूर्ण है।
- थायराइड लिए आहार, व्यायाम, तनाव प्रबंधन, नियमित जांच, आयोडीन युक्त आहार पर ध्यान देना चाहिए।
थायराइड दर्द: शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले दर्द की समस्या
थायराइड हार्मोनों के असंतुलन से, हमारी शारीरिक समस्याएं का हिस्सा दर्द हो सकता है। गर्दन में दर्द होना इसका एक आम लक्षण है. अन्य लक्षण शामिल हैं, जैसे जोड़ों और कानों में दर्द। पैरों और मांसपेशियों में भी दर्द हो सकता है।
असंतुलित हार्मोन वजन बढ़ जाने, थकावट और मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बन सकता है। इनके अलावा, बहुत पसीने आना भी सामान्य है। इन लक्षणों में से कई में दर्द भी हो सकता है।
थायराइड हार्मोन असंतुलन से शरीर में दर्द की समस्याएं उत्पन्न होती हैं
अस्वास्थ्यकर थायराइड हार्मोन दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। यह दर्द गंभीर हो सकता है। ख़ास कर बढ़ता जाता है तो यह मुश्किल समस्याओं का कारण बन सकता है।
थायराइड बीमारी से जुड़े दर्द के लक्षण समय रहते पहचानना महत्वपूर्ण
असंतुलित थायराइड के दर्द के लक्षण को समय पर पहचानना जरूरी है। इससे चिकित्सा मदद लेने की सहायता हो जाती है। गर्दन, जोड़ों और पैरों में दर्द को तुरंत नजर अंदाज किया जाना चाहिए।
असंतुलित थायराइड हार्मोन कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जिनमें दर्द शामिल है। इसे समय पर पहचानना है और सही उपचार कराना जरूरी होता है।
“थायराइड हार्मोन का असंतुलन शरीर में कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनमें शारीरिक दर्द भी शामिल है।”
गर्दन में दर्द – थायराइड से जुड़ी सबसे आम समस्या
गर्दन में दर्द एक थायराइड समस्या का सबसे आम लक्षण होता है। थायराइड ग्रंथि गर्दन के बीच में होती है। अगर उसमें सूजन हो, तो दर्द और असहजता होती है।
गर्दन की गठरी या सूजन व्यक्ति को परेशान कर सकती है। ऐसी स्थिति में गर्दन में दर्द होता है और चलने में भी कमी आ सकती है।
गड़बड़ी से थकान और वजन में बदलाव हो सकता है। बाल झड़ सकते हैं और त्वचा सूखी हो सकती है। इन लक्षणों को ध्यान से नोट करना जरूरी है।
भारत में थायराइड की समस्या बहुत फैली हुई है। हर 10 में से एक व्यक्ति को हाइपोथायराइडिज्म होता है। 4.2 करोड़ लोग इस पीड़ा में हैं। महिलाएं को पुरुषों से ज्यादा इससे प्रभावित हो सकती हैं। यदि समय पर उपचार नहीं हुआ, तो स्वास्थ्य में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
जबड़े और कान में दर्द
थायराइड से जुड़ा दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है। अगर थायराइड हार्मोन असंतुलन रहता है, तो मांसपेशियों में सूजन हो सकती है। यह सूजन से दर्द जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
थायराइड हार्मोनों की वजह से जबड़ों और कान मे दर्द होता है। दर्द आमतौर पर धीरे-धीरे फैलता है।ये कान के रोगों को भी प्रभावित करता है, जिनमें मेनियर रोग, कैंसर, फोड़े शामिल हैं।
कान के रोगों के लक्षणों में कान मे दर्द हो सकता है। कान मे सूजन, जी मिचलाना, चक्कर, लिम्फ नोड्स मे सूजन आदि लक्षण हो सकते हैं।
कान के रोग की वजह कई चीजें हो सकती हैं। यह शारीरिक संबंधी असामान्यता, चोट या इंफेक्शन से हो सकती है। जुकाम, एलर्जी, या वायरल संक्रमण भी इसके कारण बन सकते हैं।
थायराइड संबंधित दर्द गर्दन से शुरू होकर फैलता है। इससे चेहरे के हिस्सों में सूजन और दर्द होता है। इसके अलावा, कान में होने वाला दर्द भी हो सकता है।
जोड़ों में दर्द और सूजन
थायराइड हार्मोन का असंतुलन होने से हड्डियों और जोड़ों में कमजोरी आती है। यह जोड़ों में दर्द और सूजन को बढ़ाता है। इस समस्या के चलते अलग-अलग जोड़ों में दर्द हो सकता है।
जोड़ों का दर्द और सूजन थायराइड के इस हार्मोन के कारण आम समस्या है। जोड़ी में तनाव, दर्द और सूजन को लोग आमतौर पर देखते हैं। कैल्शियम और यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से गठिया या ऑस्टियोपोरोसिस हो सकती है।
अगर आपको जोड़ों में दर्द या सूजन है, तो डॉक्टर से जल्द सम्पर्क करें। सही व्यायाम और आहार से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं से बचने के लिए थायराइड के दर्द का इलाज जरुरी है। इसमें घरेलू उपचार भी मददगार साबित हो सकते हैं।
पैरों और तलवों में दर्द
थायराइड की समस्या से शरीर के हिस्सों में दर्द हो सकता है। यह दर्द पैरों और तलवों में भी होता है।
बहुत ज्यादा खड़ा या चलने से पैरों और तलवों में दर्द हो सकता है। यह दर्द और जलन हो सकती है।
थायराइड हार्मोन का असंतुलन इस दर्द का मुख्य कारण हो सकता है।
ध्यान रखने वाली बात है, 5% मामलों में यह दर्द संकेत हो सकता है।
व्यापकी थायराइड समस्याएं से लेकर सामान्य असुविधाएं तक, इसके कई कारण हो सकते हैं।
थायराइड विकार की वजह से बहुत से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है।
पैरों और तलवों के दर्द का कारण फासीआइटिस और थायराइड समस्याएं से हो सकता है।
जब कोई दर्द अधिक समय तक रहे, तो डॉक्टर से मिलकर मदद लेनी चाहिए।
थायराइड का जांच और छवि अध्ययन दर्द के कारण का पता लगाने में मददगार हो सकते हैं।
गर्म/ठंडा थेरेपी और हल्के स्ट्रेचिंग उपाय हो सकते हैं। इनसे दर्द को कम किया जा सकता है।
थायराइड से जुड़े दर्दों का सीधा समाधान डॉक्टर के पास जाना है।
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी
थायराइड बीमारी में, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है। थायराइड हार्मोनों का असंतुलन यह सब दिक्कतों का कारण हो सकता है। यह सूजन और दर्द की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
थायराइड विकार से मांसपेशियों में कमजोरी भी हो सकती है। ये शारीरिक क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
मांसपेशियों का यह दर्द और कमजोरी धीरे-धीरे होती हैं। इन लक्षणों को पहचानना जरूरी है, क्योंकि उपचार का समय पर होना चाहिए।
थायराइड हार्मोन का असंतुलन ये सभी मुद्दे उत्पन्न करता है। लेकिन, उपचार से इन दर्दों को कम किया जा सकता है।
चिकित्सकीय उपचार के साथ, स्वस्थ जीवनशैली, पोषण, व्यायाम जरूरी है। ये सब मांसपेशियों की शक्ति और कार्यक्षमता बढ़ा सकते हैं।
“थायराइड से जुड़ी मांसपेशी समस्याओं का समयबद्ध उपचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे दर्द और कमजोरी नहीं होती और स्वास्थ्य में सुधार आता है।”
थायराइड से संबंधित मांसपेशी दर्द और कमजोरी का सही उपचार जरूरी है। इससे शारीरिक क्षमता और स्वास्थ्य बेहतर हो सकते हैं।
थायराइड में कहां-कहां दर्द होता है
थायराइड से जुड़ा दर्द अलग-अलग जगहों पर हो सकता है। गर्दन, कान, और जोड़ों में दर्द सबसे आम है।
इन दर्द के कुछ निशानी से हम थायराइड का पता लगा सकते हैं। जैसे की गर्दन में सूजन, वजन कम होना, और चहरे की सूजन।
थायराइड से जुड़े दर्द के प्रमुख स्थान और उनकी पहचान
थायराइड के दर्द के कुछ मुख्य स्थान ये हैं:
- गर्दन: गले के दर्द और सूजन होती है।
- जबड़े और कान: दर्द पीड़ के साथ जबड़ों और कानों तक जा सकता है।
- जोड़: जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है।
- पैर और तलवे: चलते वक्त तेज दर्द और जलन हो सकती है।
- मांसपेशियां: मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द होता है।
ये स्थानों में दर्द की पहचान करनी बहुत जरूरी है। ऐसा करते हुए हम संभावित उपचार कर सकते हैं।
“थायराइड से जुड़े दर्द को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे उचित इलाज हो सकता है और स्वस्थह को बेहतर बनाया जा सकता है।”
थायराइड दर्द से बचाव के उपाय
थायराइड दर्द से बचाव के लिए सही आहार, व्यायाम, और तनाव-मुक्त जीवन शैली जरूरी है। महिलाओं को अधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसमें वे ज्यादा प्रभावित होती हैं। थायराइड समस्या को ठीक करने में सहायक होते हैं संतुलित आहार और व्यायाम।
अत्यधिक तनाव लेने से भी बदला थायरॉइड हार्मोन करता है। इसलिए, तनाव कम करने से थायराइड सेंटर दर्द कम हो सकता है।
सही आहार से थायराइड दर्द कम
आयोडिन युक्त आहार सेवन करना थायराइड हार्मोन को संतुलित करता है। थायरॉइड के ग्रंथियों के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
और, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी12, और विटामिन ई का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। विटामिन बी12 की कमी हाइपोथायरायडिज्म को बढ़ा सकती है।
व्यायाम से थायराइड दर्द में राहत
नियमित व्यायाम से थायराइड दर्द में लाभ होता है। योग और अन्य व्यायाम करने से ग्रंथियों की शक्ति बढ़ती है। गंडमाला से होने वाली थाइरॉइड की बीमारी को कम किया जा सकता है।
जीवनशैली से थायराइड दर्द कम
हाशिमोट रोग और ग्रेव्स रोग की वजह से होने वाले दर्द को जीवनशैली से कम किया जा सकता है। तनाव और योग से थायराइड की सेहत में सुधार होती है।
अश्वगंधा चूर्ण और अन्य जड़ी-बूटियां भी थायराइड के इलाज में मददगार हो सकती हैं।
25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाने का मकसद जागरूकता फैलाना है। इस दिन से जुड़ी सही जानकारी देना और सही उपचार की महत्ता बताना हमारे लिए जरूरी है।
“थायराइड के बचाव और इलाज के लिए आयोडीन सम्पन्न आहार, नियमित व्यायाम, चिकित्सा सलाह, नियमित जांच, और तनाव प्रबंधन करने के सुझाव दिए गए हैं।”
थायराइड रोगों में हाइपोथायरायडिज्म, हाइपरथायरायडिज्म, थायरॉइड नोड्स, थायरॉयडिटिस, और थायराइड कैंसर जैसे कई विकार हैं। उनके विकार कारणों में पारिवारिक इतिहास, आयु, हार्मोनल परिवर्तन, औषधि, और एर्थिक पर्यावरण शामिल हैं।
10 संकेतों की सूची में गर्मी व प्यास, थकान, वजन में परिवर्तन, चिंता, हृदय गतियों की असामान्यता, सर्दी में ठंड लगना, बाल झड़ना, सूखी त्वचा, मस्तिष्क समस्याएं, और मासिक धर्म की विघटना शामिल हैं।
थायराइड संबंधित दर्द के लक्षण और कारण
थायराइड के कारण दर्द में थायराइड हार्मोन का असंतुलन सबसे अहम है। यह असंतुलन मांसपेशियों और जोड़ों में सूजन और हड्डियों की कमजोरी कर सकता है। इससे त्वचा की सुस्ती और गुदा प्रमाण मुसीबत हो सकती है। असंतुलन के कारण शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द हो सकता है। इसमें पैर, मांसपेशियां, जोड़, हाथ, गला, और गले के नीचे भी शामिल है।
थायराइड की अधिकता या कमी से कई चिन्ह सामने आ सकते हैं। मोटापा, मांसपेशियों की कमजोरी और पसीने का अधिक होना इसमें शामिल है। बाल झड़ना, थकान, चेहरे में सूजन और अवसाद भी संकेत हो सकते हैं। सुचारू उपचार से उन्हें रोका जा सकता है।
जीनेटिक कारक, खराब आहार और तनाव थायराइड स्मस्याओं के प्रमुख कारण हैं। ज्यादा मोटापा और वायरल रोग भी इन कारणों को बढ़ावा देते हैं।
नियमित आहार खाने से थायराइड स्वस्थ रह सकता है। शराब, धूम्रपान और तनाव से बचना भी फायदेमंद है।
थायराइड समस्याएँ के कारण हाथ में भी दर्द हो सकता है, खासकर ग्लैंड में सूजन के कारण। पुरुषों को एसी चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है जो हाइपोथायराइडिज़म, हाइपरथायराइडिज़म, थायराइड नोड्यूल, या थायराइड कैंसर की संतान सकती है। थायराइड समस्याएँ कम्बलों की हलचल को जगह पर दिखा सकती है, लेकिन हमेशा वजन कम होने का कारण नहीं बनती।
हाइपोथायराइडिज़म से माहवारी के नियम टूट सकते हैं, जबकि हाइपरथायराइडिज़म से उसमें अनियमितता ला सकता है।
हाइपोथायराइडिज़म वजन कम करवाने का कारण बन सकता है।
थायराइड स्मस्याएँ से पीड़ित लोगों के पैर सूखे और मोटे हो सकते हैं। थायराइड कम होने से त्वचा सूखी और खरडी हो सकती है। ऐसे में, पैर की सफाई ध्यान देने लायक हो जाती है। ऐसे में कवक संक्रमण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण होता है।
थायराइड स्मस्याएँ में ठीक जूते पहनना बहुत जरूरी है। इससे पैरों की परेशानियां और दर्द काम हो सकता है। साथ ही, पैर की सफाई भी रखनी चाहिए। यह कवक संक्रमण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।
थायराइड स्मस्याएँ से पीड़ित लोगों के लिए पैरों की देखभाल जरूरी है। सही तरीके से देखभाल करने की सलाह भी दी जाती है।
थायराइड स्ंबंधित दर्द के लक्षण और कारण समझना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे सही समय पर चिकित्सा सहायता लेने में मदद मिलती है।
थायराइड दर्द और अन्य थायराइड लक्षण
थायराइड की समस्याएं से दर्द के साथ ही कई अन्य लक्षण आ सकते हैं। ये लक्षण हैं: थकान, वजन में बदलाव, चिड़चिडापन, बालों का झड़ना, और चमड़ी की समस्याएं। इन लक्षणों की पहचान करना और उसे ठीक समय पर ईलाज करवाना बहुत जरूरी है।
थायराइड से जुड़े विभिन्न लक्षणों की पहचान और निवारण
अलग-अलग थायराइड लक्षणों की पहचान और इनका इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। जैसे, हाइपोथायराइडिज्म में थकान, वजन का बढ़ना, ठंड का अहसास, और मूड से जुड़े बदलाव हो सकते हैं। हाइपरथायराइडिज्म में तेज धक्कों की गिनती, पसीने का आना, और हाथों का कांपन हो सकता है।
कुछ गाँठ हो सकती हैं, जिनमे से कुछ शायद कैंसरोजनक होती हैं। थायराइडिटिस से थायराइड में सूजन होती है, जिससे पीड़ा, सूजन, और थकान हो सकती है। थायराइड कैंसर में गर्दन का दर्द या गाँठ के लक्षण दिखाई देते हैं।
थायराइड की समस्याओं के जोखिम कारकों में परिवार का इतिहास, उम्र, महिलाओं में हारमोनल बदलाव, खराब भोजन, और प्रदूषण जैसे तत्व शामिल हो सकते हैं।
थायराइड से होने वाले अन्य लक्षण
और भी, यहाँ कुछ और थायराइड समस्याओं के लक्षण हैं:
- 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं को माँ नहीं बन पाना पड़ता है
- जब महिलाएं की आयु बढ़ जाती है, उनकी थायराइड पर हो सकता है असर
- थायराइड समस्या शहर में ज्यादा दिखती है
- महिलाओं के लिए हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण बड़ जाते हैं उम्र बढ़ने के साथ
- गर्भावस्था में 25 प्रतिशत महिलाएं को हाइपरथायराइडिज्म हो सकता है
- आईवीएफ तकनीक से थायराइड रोगियों के लिए बेहतर परिणाम हो सकते हैं
थायराइड के समस्याओं के लक्षणों को पहचानना और उपचार करना बहुत जरूरी है।
इन समस्याओं से बचाव और उपचार में सहायक हैं: आयोडीन समृद्ध आहार, सावधानी से चिकित्सा देखभाल, नियमित व्यायाम, ध्यान और तनाव प्रबंधन। नियमित डॉक्टर की देखरेख और सलाह का पालन भी करना चाहिए।
याद रखें, थायराइड समस्याओं के निदान और उपचार चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता है। स्वास्थ्य की अच्छी देखरेख के लिए डॉक्टर की सलाह पर चलना जरुरी है।
निष्कर्ष
थायराइड हार्मोन का असंतुलन कई गंभीर परेशानियों का कारण बन सकता है। ये विभिन्न हिस्सों में दर्द और अन्य संकेतों की वजह से जाना जाता है। महिलाएं में थायराइड समस्याएं की उचित जांच बहुत महत्वपूर्ण है।
यहाँ 1 में से 8 महिला थायराइड के इलाज की जरुरत अनुभवती हैं। गर्भवती महिलाओं में भी ये समस्याएं हो सकती हैं। हाइपरथायराइडिज्म की संभावना गर्भावस्था के दौरान अधिक होती है।
गर्दन, जोड़ और मांसपेशियों में दर्द को पहचानकर उपचार लेना जरुरी है। थायराइड गड़बड़ से माँ बनने में परेशानी हो सकती है।
सही आहार, व्यायाम, और तनाव मुक्त जीवनशैली थायराइड के दर्द को रोक सकती है।
थायराइड रोगियों को सही जांच के लिए उचित सेंटर चुनना चाहिए। इससे थायराइड समस्याओं का एक अच्छा समाधान ढूंढा जा सकता है।
FAQ
थायराइड में कहाँ-कहाँ दर्द होता है?
थायराइड के डिसॉर्डर से दर्द शरीर भर में हो सकता है। ये दर्द गर्दन, जबड़े, कान, जोड़ों, पैर और मांसपेशियों में होता है। इन क्षेत्रों में सूजन और दर्द थायराइड हार्मोन के असंतुलन से होता है।
थायराइड दर्द के क्या लक्षण हैं?
थायराइड की समस्या से शरीर में विभिन्न समस्याएं की उत्पत्ति होती है। इसमें गर्दन, जोड़ों, पैरों, और मांसपेशियों में दर्द, सूजन, कमजोरी शामिल है। ये लक्षण पहचानने में महत्वपूर्ण हैं।
गर्दन में दर्द होने का क्या कारण है?
गर्दन में दर्द होना थायराइड संबंधी समस्याओं का एक सामान्य लक्षण है। थायराइड ग्रंथि गर्दन के सामने होती है, जो इस क्षेत्र में सूजन और दर्द का कारण बनता है।
थायराइड हार्मोन का असंतुलन भी मुख्य दर्द का कारण हो सकता है। इससे गर्दन में दर्द और असहजता की भावना होती है।
जबड़ों और कानों में दर्द क्यों होता है?
थायराइड हार्मोन के असंतुलन से होने वाला दर्द, जबड़ों और कानों तक पहुँच सकता है। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में सूजन और दर्द हो सकता है।
थायराइड से जोड़ों में क्यों दर्द होता है?
थायराइड हार्मोन के असंतुलन से शरीर की हड्डियों और जोड़ों की कमजोरी हो जाती है। इस से जोड़ों में दर्द और सूजन आ सकती है। थायराइड की समस्याओं में भिन्न-भिन्न जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है।
पैरों और तलवों में दर्द क्यों होता है?
थायराइड की समस्या से शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द हो सकता है, जैसे पैर और तलवों में।
क्यूँकि लंबे समय तक खड़े रहना और थकावट यहाँ के दर्द के कारण का हो सकते हैं। ये सब थायराइड संबंधित हार्मोन के असंतुलन की वजह से होते हैं।
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी क्यों होती है?
थायराइड हार्मोन के असंतुलन से मांसपेशियों में सूजन और दर्द होता है।
साथ ही, मांसपेशियों की कमजोरी भी होती है, जिससे शारीरिक क्षमता कम हो जाती है। थायराइड से ये समस्याएं भी हो सकती हैं।
थायराइड से किन हिस्सों में दर्द होता है?
थायराइड से जुड़े दर्द की स्थली गर्दन, जबड़े, कान, जोड़, पैर और मांसपेशियां हैं।
असंतुलन से इन क्षेत्रों में सूजन और दर्द विकसित हो सकता है। इन क्षेत्रों का ध्यान रखना जरूरी है।
थायराइड दर्द को कैसे कम किया जा सकता है?
थायराइड से दर्द कम करने के लिए सही आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव मुक्त जीवनशैली बहुत महत्वपूर्ण है।
खाद्य पदार्थों और व्यायाम से थायराइड पर लाभप्रद प्रभाव पड़ता है।
थायराइड दर्द के क्या लक्षण और कारण हैं?
थायराइड से दर्द के कारण हो सकते हैं – हार्मोन का असंतुलन, सूजन, कमजोरी, और चयापचय में कमी।
इन सभी कारण से विभिन्न हिस्सों में दर्द हो सकता है, इसलिए उपचार समय पर करी जानी चाहिए।
थायराइड दर्द के अलावा और कौन-से लक्षण होते हैं?
थायराइड के साथ कई अन्य लक्षणों की भी प्रतीति होती है, जैसे वजन कमी, थकान, और बालों की समस्याएं।
ये सारे लक्षण उपचार के लिए जानकारी देने वाले होते हैं।
स्रोत लिंक
- https://www.thehealthsite.com/hindi/diseases-conditions/these-10-symptoms-are-seen-in-the-body-due-to-thyroid-know-prevention-and-treatment-from-experts-in-hindi-980756/
- https://www.thehealthsite.com/hindi/diseases-conditions/thyroid-causes-pain-in-these-5-parts-of-the-body-in-hindi-1068983/
- https://onlymyhealth.com/understanding-thyroid-pain-and-prevention-in-hindi-1708785415
- https://redcliffelabs.com/myhealth/hindi/thyroid-symptoms-and-causes/
- https://www.bbc.com/hindi/india-65673166
- https://www.starhealth.in/blog/hi/thyroid-hindi
- https://www.jagran.com/bihar/patna-city-regulary-cold-in-throat-may-be-reason-of-thyoride-22403174.html